Features of Shri Ram Janmbhoomi Mandir: अयोध्या में सरयू नदी के पावन तट पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र होगा, बल्कि स्थापत्य कला और आधुनिक सुविधाओं का भी बेजोड़ नमूना होगा। मंदिर जिसे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के नाम से जाना जाता है, भगवान श्रीराम के जन्मस्थल के रूप में माना जाता है। यह मंदिर भारतीय सांस्कृतिक और स्थानीय प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके पूरी तरह से निर्मित किया जा रहा है।
Shri Ram Janmbhoomi Mandir वास्तु शास्त्र के अनुरूप निर्माण
राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्राचीन भारतीय वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार किया जा रहा है। मंदिर का स्वरूप नागर शैली का है, जिसमें पांच चोटियों वाले गुंबद और सुंदर नक्काशीदार स्तंभ शामिल हैं। भवन का निर्माण राजस्थान के पिंक सैंडस्टोन से किया जा रहा है।
Shri Ram Janmbhoomi Mandir का शैली और आकार:
मंदिर नगर शैली में बना है और इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है, चौड़ाई 250 फीट है और ऊचाई 161 फीट है। यह तीन मंजिला है, जिसमें प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊँची है। इसमें कुल 392 स्तंभ और 44 दरवाजे हैं।
मंदिर परिसर 70 एकड़ में फैला होगा, जिसमें मुख्य मंदिर 2.7 एकड़ में होगा। भूतल से गुंबद के शिखर तक मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी। इसमें एक साथ एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन करने की क्षमता होगी।
Shri Ram Janmbhoomi Mandir की मंदिर की विशेषताएं:
मुख्य संग्रहालय में भगवान श्रीराम के बचपन का रूप (श्रीराम लल्ला की मूर्ति) है और पहले मंजिल पर श्रीराम दरबार होगा। यहाँ पांच मंडप हैं – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप। स्तंभों और दीवारों पर देवताओं और देवीयों की मूर्तियाँ सजी हैं।
Shri Ram Janmbhoomi Mandir गर्भगृह और मंडप:
मंदिर का गर्भगृह सबसे पवित्र स्थान होगा, जहां भगवान रामलला का बालरूप विराजमान होगा। गर्भगृह के ऊपर चार मंडप होंगे – ग्रह मंडप, कीर्तन मंदप, रंग मंडप और प्रार्थना मंडप। इन मंडपों में भगवान राम से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का चित्रण किया जाएगा।
Shri Ram Janmbhoomi Mandir प्रवेश:
पूर्व से प्रवेश होता है, जहाँ सिंह द्वार के 32 सीढ़ियों से चढ़ाई की जाती है। विभिन्नता वालों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए रैंप और लिफ्ट का प्रावधान है।
Shri Ram Janmbhoomi Mandir कंपाउंड:
मंदिर को 732 मीटर लंबी और 14 फीट चौड़ी परिसरवाली (परकोटा) से घेरा गया है। चौकों पर चार मंदिर हैं – सूर्य देव, देवी भगवती, गणेश भगवान और भगवान शिव के नाम समर्पित।
Shri Ram Janmbhoomi Mandir की अन्य विशेषताएं:
मंदिर के बगल में एक ऐतिहासिक कुएं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल में दाता है। इस कॉम्प्लेक्स में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निशाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या को समर्पित मंदिर हैं।
Shri Ram Janmbhoomi Mandir नवीनीकरण:
कुबेर टिला में, कॉम्प्लेक्स के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में, भगवान शिव का प्राचीन मंदिर पुनर्स्थापित किया गया है, जहाँ जटायु की स्थापना की गई है।
निर्माण की विशेषताएं:
मंदिर में कहीं भी लोहा इस्तेमाल नहीं हुआ है। इसका नींव रोलर-कॉम्पैक्टेड कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से बनाया गया है, जिससे इसे कृत्रिम शिला का रूप दिया गया है।
भूमि की नमी के खिलाफ सुरक्षा के लिए, 21 फुट ऊँची प्लिंथ का निर्माण ग्रेनाइट से किया गया है।
सुविधाएं:
मंदिर का परिसर कीपिंग के लिए एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, जल संसाधन प्लांट, अग्निशमन के लिए जल आपूर्ति, और एक स्वतंत्र पावर स्टेशन है।
मंदिर परिसर में आधुनिक सुविधाओं का भी खास ख्याल रखा गया है। यहां दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था होगी। इसके अलावा, परिसर में अस्पताल, पुस्तकालय, संग्रहालय और पर्यटन केंद्र भी बनाए जा रहे हैं।
पर्यटक सुविधाएं:
25,000 लोगों की क्षमता वाला पिलग्रिम्स फैसिलिटी सेंटर (PFC) निर्माण किया जा रहा है, जो पर्यटकों को चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधा प्रदान करेगा।
और भी:
मंदिर निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सौर ऊर्जा पैनलों का उपयोग करके बिजली का उत्पादन किया जाएगा और जल संरक्षण के उपाय भी किए जाएंगे।
कॉम्प्लेक्स में एक अलग ब्लॉक होगा जिसमें स्नान क्षेत्र, शौचालय, वॉशबेसिन, ओपन टैप्स आदि होंगे।
वातावरणिक दृष्टिकोण:
यह मंदिर 70 वर्ग किमी के क्षेत्र में से 70% क्षेत्र को हरित बनाने के लिए पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष जोर देते हुए भारतीय पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक का पूरा इस्तेमाल करके बन रहा है।
निष्कर्ष:
श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण केवल एक मंदिर का निर्माण नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय महत्व का एक प्रोजेक्ट है। यह मंदिर भारतीय संस्कृति और स्थापत्य कला का गौरव बढ़ाएगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपको श्री राम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताओं के बारे में समझने में मददगार होगी।